ज़िद ! 8 साल की उम्र में इस बच्चे के ज़िद ने दिलाई उसे SUCCESS.....

ज़िद ! ज़िद ! ज़िद !

आखिर क्या होती है ये ज़िद ? कैसी होती है ये ज़िद ?

8 साल की उम्र में इस बच्चे के ज़िद ने दिलाई उसे SUCCESS.....

Read carefully...

This will change your Life.


          "ज़िद" बड़ा अजीब शब्द है जिसे चढ़ गया वो जिंदगी में सब कर गया। Success, जुनून , नाम, शौहरत ,ये सब आज जिसके पास भी है उसने इन सभी चीजों के लिए ज़िद की होगी। क्योकि बड़ा साधारण सा उदाहरण है जब आप बचपन में ज़िद करते थे तब वो सब मिलता था जो आप चाहते थे आप तब तक नहीं छोड़ते थे ज़िद करना जब तक वो चीज हासिल नहीं हो जाती थी। 


          हम सभी की बुरी बात ये है की जब हम बड़े होते है तब हम समझदार बन जाते है। और अपने अंदर के बच्चे को खत्म कर देते है। और फिर करने लग जाते है वही जो दुनिया के 95% लोग कर रहे है कॉम्प्रोमाइज अपने ड्रीम से। ये कॉम्प्रोमाइज आपको किसी भी तरह से रोक सकता है। पैसे नहीं है। टाइम नहीं है।  एनर्जी नहीं है।  यही सब तो है जो कॉम्प्रोमाइज करवाते है। और आपके ड्रीम तोड़ देते है। 

          ऐसी बहुत सी चीजे हमारी जिंदगी में आती है जिसके चलते हम अपने अंदर के ज़िद को खत्म कर लेते है। और बन जाते है एक ऐसे समझदार इंसान जो बस कॉम्प्रोमाइज करता है। हर चीज से और ऐसे धीरे धीरे वो अपने ड्रीम और पैशन को ख़त्म कर देता है। 

         कही आप तो ऐसा नहीं कर रहे? मेरे दोस्त आप जानवर थोड़ी हो जो हर चीज से कॉम्प्रोमाइज करते रहोगे। इस दुनिया में हजारो लोग है जिन्होंने अपने success के लिए कोई कॉम्प्रोमाइज नहीं किया। चाहे टाइम रहा हो या ना, चाहे एनर्जी रहा हो या ना, चाहे मन हार ही क्यों ना गया हो लेकिन वो फिर से खड़े हुए। बस एक ही चीज के बदौलत ज़िद ! ज़िद ! ज़िद ! आखिर क्या होती है ये ज़िद ? कैसी होती है ये ज़िद ?


          तो चलिए बताता हूँ एक ऐसे बच्चे की ज़िद जो उसे फर्श से अर्श तक पहुचा गयी। उसकी ज़िद के चलते वो 8 साल की उम्र में लोकल टीम के लिए फुटबॉल खेलने लगा। उसकी ज़िद की वजह से वो इतनी मेहनत और लगन से प्रैक्टिस करता की उसे वर्ल्ड अण्डर 17 में जगह मिल गयी। बस ज़िद की वजह से वो 18 साल की उम्र में ही वो इंटरनेशनल फुटबॉल टीम में शामिल हो गया। ये तो बस शुरुआत थी वो यही नहीं रुका। उसकी लगन और साहस उसे सोने नहीं देती थी। क्योकि अभी उसे हिस्ट्री क्रियेट करनी थी। वो प्रेक्टिस तब करता था जब दुनिया अपनी आधी नींद पूरी कर रही होती थी। और इसी ज़िद की वजह से साल 2003 में मैनचेस्टर क्लब ने उसे 103cr. रूपये में खरीद लिया। अभी कुछ साल ही बीते थे की स्पैनिश क्लब ने 850cr. देकर अपने क्लब में शामिल कर लिया। मेरे दोस्त वो कोई और नहीं जाना माना नाम है क्रिस्टियान रोनाल्डो : जिसने ऐसे ऐसे गोल किये जिसे कर पाना असंभव है। ये सब बस एक ज़िद के चलते हुआ। जिसने एक बड़ा रूप ले लिया। और एक मामूली बच्चे को कहाँ से कहाँ ले आया। 

          फर्क इससे नहीं पड़ता की आप बच्चे हो! बड़े हो! या आपकी उम्र निकल गयी है। फर्क इससे पड़ता है की क्या आप में आज भी ज़िद बची है। क्योकि Success उम्र देख कर नहीं आती। उसे लाना पड़ता है नसीब में। ज़िद ही वो चीज है जो आपके अंदर चिंगारी का काम करती है। लोग आपको Demotivate करेंगे आपकी असफलता आपको हतास करेगी। लेकिन आपकी ज़िद बस यही कहेगी की फिर से खड़ा हो। ये समय नहीं है रुकने का। क्योकि Success तेरा wait कर रही है। और तुझे उठना होगा अभी और इसी वक्त। अगर तू नहीं उठा तो कोई और ले जायेगा उसे जो तू चाहता है। तो फिर उठ चिंगारी की तरह और आग की तरह जला दे उन रुकावटों को जो तेरे रास्ते में खड़ी है।


         क्योंकि अब समय नहीं है रुकने का ना किसी के आगे झुकने का तू तभी रुकेगा जब सफलता तेरे पास होगी। तब बात कुछ खास होगी। जब आवाज तेरी भीड़ में खास होगी। जब तेरी बहुत अलग पहचान होगी। छुपा मत अपने अंदर के उस इंसान को जो चमक सकता हैं इतना की दुनिया की चमक फीकी पड़ जाये।

          वो कहते है ना। आँधियो को ज़िद है जहां बिजलियाँ गिराने की मुझे भी ज़िद है वहां आशिया बनाने की। हिम्मत और हौसले बुलंद है। खड़ा हु अभी भी गिरा नहीं हु। अभी जंग बाकि है और मै हारा भी नहीं हु। मंजिले बड़ी ज़िद्दी होती है हासिल कहाँ नसीब से होती है। मगर वहां तूफान भी हार जाते है ,जहां कश्तिया ज़िद पर होती है। भरोसा अगर ईश्वर पे है तो वही मिलेगा जो नसीब में है। लेकिन अगर खुद पे भरोसा हो तो ईश्वर वही लिखेगा जो आप चाहोगे। 

अगर इस POST को बढ़ने के बाद ज़रा सी भी ज़िद आई हो तो Comment करें, Share करें और अभी इस SITE को Subscribe और Follow जरूर करें।

THANK YOU

Post a Comment

3 Comments

Thanks for reading...